जय हिन्द दोस्तों ,
कल इतिहास की कुछ कहानिया पढ़ते ईस्ट इंडिया कंपनी के बारे मे पढ़ा, तभी दिमाग मे आया की जिस कंपनी ने कभी व्यापार के नाम पर भारत को गुलाम बना लिया था आज उस कंपनी की स्थिति क्या है ???
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना 31 दिसम्बर 1600 ईस्वी में हुई थी। इसे यदाकदा जॉन कंपनी के नाम से भी जाना जाता था। इसे ब्रिटेन की महारानी ने भारत के साथ व्यापार करने के लिये 21 सालो तक की छूट दे दी। बाद में कम्पनी ने भारत के लगभग सभी क्षेत्रों पर अपना सैनिक तथा प्रशासनिक अधिपत्य जमा लिया।
........................विकिपीडिया
100 साल ईस्ट इंडिया कंपनी के राज करने के बाद देश मे ईस्ट इंडिया कंपनी के स्थान पर भारत पर ब्रिटिश शाशन लागु हो गया था लेकिन वो कम्पनी ख़त्म नहीं हुई थी , तो मुझे लगा की इसके बारे मे ज्यादा जानकारी गूगल बाबा के अलावा कोई और नहीं बता पायेगा !!!
फिर क्या लैपटॉप उठा "गूगल बाबा की जय" बोल चल पड़े सर्च पर .............
परिणाम मे जो कुछ आया वो देख कर पहले तो चौक पड़ा , फिर सीना गर्व से चौड़ा हो गया ...........
पत्रिका न्यूज़ , बीबीसी इंडिया , विभिन्न न्यूज़ मे पहले से जानकारी आ चुकी थी ......और हम अभी तक जगे ही नहीं ....................
जिस कंपनी ने कभी व्यापार के नाम पर भारत को गुलाम बना लिया था और 100 सालों तक हमारे देश पर राज किया था आज उस ईस्ट इंडिया कंपनी का मालिक भारतीय बन गया है.
100 सालों तक हमारे देश पर राज करने वाली ईस्ट इंडिया कंपनी की शुरुआत 1600 में हुई थी। इस कंपनी ने 17वीं व 18वीं शताब्दी में पूरी दुनिया के बिजनेस पर राज किया था। ईस्ट इंडिया कंपनी 1757 में भारत पहुंची थी और धीरे-धीरे 'फूट डालो और राज करो' की नीति के बल पर इसने पूरे भारत पर कब्जा कर लिया था।
ईस्ट इंडिया कंपनी ने कभी व्यापार के नाम पर भारत को गुलाम बना लिया था और 100 सालों तक हमारे देश पर राज किया था आज उस ईस्ट इंडिया कंपनी का मालिक भारतीय बन गया है.
ईस्ट इंडिया कंपनी कंपनी को खरीदने के लिए संजीव ने कंपनी के 40 शेयर धारकों से वर्ष 2010 में डील फाइनल की थी। संजीव की मानें तो इस डील को सफल बनाने के लिए उन्होंने दिन-रात एक कर दिया था।संजीव जो कि मुंबई के हीरे के उद्योगपति हैं, कहते हैं कि उनके लिए यह मौका काफी इमोशनल पल था। वह बार-बार इसी बात को सोचते कि जिसने हम पर कभी राज किया, आज वह उसी कंपनी के मालिक हैं। संजीव ने अब अपनी इस कंपनी के लिए कई प्लान भी बना डालें हैं।
अंग्रेजों के किए अत्याचार की कहानियां दिन रात उनके दिमाग में चलती थी. इस कंपनी को खरीदना उनके जीवन का एकमात्र उद्देश्य बन चुका था.
हम सबको पता है कि ईस्ट इंडिया कंपनी व्यापार के नाम पर 1757 में हिंदुस्तान की धरती पर कदम रखा था और बाद में अपनी शातिर चालों के दम पर पूरे देश में कब्जा कर लिया और 100 साल तक गुलाम में बनाए रखा.
लेकिन अब........
वक्त पहिया ऐसा घूमा है कि जिस कंपनी भारत को गुलाम बनाया था आज उसका मालिक भारत का ही बेटा है.
अब यह कंपनी ब्रिटिश नागरिक नहीं बल्कि एक भारतीय के मालिकाना हक वाली कंपनी है।
भारत को गुलाम बनाने वाली ईस्ट इंडिया कंपनी का मालिक बना एक भारतीय, पढ़ें कौन है ये
मुंबई के उद्योगपति संजीव मेहता ने उस कंपनी का खरीद लिया है. इस सौदे को पक्का करने के लिए संजीव मेहता को अच्छी खासी रकम देनी पड़ी थी.
वह ईस्ट इंडिया कंपनी को नए बिजनेस में लाने की तैयारी कर रहे हैं। उनकी योजना ई-कॉमर्स बिजनेस के जरिए कई तरह के लग्जरी गिफ्ट्स बेचने की है। संजीव ने 15 अगस्त यानी आजादी के दिन अपने इस ब्रांड को लांच भी कर दिया है।
संजीव का कहना है कि ये एक बिजेनस डील से कहीं ज्यादा इमोशनल डील है. मुंबई के इस कारोबारी ने 15 मिलियन डॉलर में खरीदा है.
मुंबई के बिजनेसमैन संजीव को इस बात को भी कोई अफसोस नहीं है कि इस कंपनी को खरीदने के लिए उन्हें एक बड़ी कीमत अदा करनी पड़ी है। संजीव ने 15 मिलियन डॉलर की कीमत अदा करके खरीदा है।
संजीव मेहता ने इस कंपनी को खरीदने के लिए पूरा कैरियर, सारा रुपया यहां तक की अपनी नींद हराम कर ली थी. उनको कहना है कि जब 2010 में डील की बात चली थी तो उस समय से रात में उनको आजादी की कहानी के सपने आते थे.