भारत का पहला डिजिटल गाँव, बना देश की शान!

Akodara India’s first Digital Village
भारत, जहां की अधिकतर जनसंख्या गाँवों में अपना जीवन व्यतीत करती है। एक तथ्य के अनुसार यह कहा जाता है कि भारत का निर्माण ही गांवों की देन है पर आज लोगों द्वारा बढ़ते आधुनिक युग की वजह से गाँवों को एक पिछड़े समाज की श्रेणी में गिना जाता है जिसके पीछे है लोगों की गाँवों के प्रति नकारात्मक सोच।
लेकिन आज कई गाँव भी स्मार्ट शहरों को मुकाबले की टक्कर दे रहे हैं इसी कड़ी में आज हम आपको भारत की सबसे पहले डिजिटल गाँव से अवगत करवाने जा रहे हैं जिसने भारत की शान में चार चाँद लगा दिए हैं।

भारत का पहला डिजिटल गाँव, बना देश की शान – Akodara India’s first Digital Village

देश के पहले आधुनिक गाँव का नाम है अकोदरा। यह गाँव भारत के गुजरात की राजधानी अहमदाबाद से करीब 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
इस गाँव के डिजिटल होने के पीछे निम्नलिखित कारण है। इस गाँव की आबादी तकरीबन 1190 है जिस में से 1040 लोग वयस्क लोगों की सूची में आते हैं व साथ ही 250 से ज्यादा लोगों के बैंक में खाते भी खुले हुए हैं। गाँव के निवासी पूर्ण रूप से कैश पर निर्भर नहीं हैं ये अपना अधिकतर लेने देन डिजिटल माध्यमों से करते हैं।

दूध का व्यवसाय, बैंक में आती आय – First Cashless Village of India

अकोदरा गाँव में सबर डायरी ने पशुओं के रख रखाव के लिए एक हॉस्टल की सुविधा मुहैया करवाई हुई है। इसी डायरी में ग्रामीण अपने रोजाना जानवरों का दूध लाकर बेचते हैं व यहीं पर दूध की जांच भी की जाती है।
यहां के एक निवासी के अनुसार दूध से होने वाली आय हर 10 दिन के भीतर लोगों के बैंक खाते में आ जाती है। जिससे लोगों को दूर दूध बेचने के लिए नहीं जाना पड़ता और ना ही पैसों के मामले में लोगों से उधारी की मार झेलनी पड़ती।

स्मार्ट गांव में स्मार्ट स्कूल – Smart School in Akodara

आज यह गाँव इस स्तर पर डिजिटल हो गया है कि यहां पर विधार्थियों को स्कूली शिक्षा में डिजिटल यंत्रों का समावेश किया जाता है। गाँव में मौजूद स्कूल में टेबलेट, स्मार्ट बोर्ड, कम्प्यूटर आदि यंत्र हैं जिसका प्रयोग स्कूल के शिक्षकों द्वारा किया जाता है।
स्मार्ट स्कूल का अंदाजा इस कदर लगाया जा सकता है कि विद्यार्थी अपनी उपस्थिति भी एक कार्ड को स्वाइप कर के दर्ज करवाते हैं।
नोटबंदी में नहीं छाई मंदी –
जिस दौरान भारत में सरकार द्वारा नोटबंदी का फैसला सुनाया गया था तब देश के अधिकतम क्षेत्रों पर हाहाकार मच गया था क्यों की लोग रोजाना की चीजों को नहीं खरीद पा रहे थे व उन्हें कहीं अन्य मुश्किलों का सामना करना पड़ था पर अकोदरा गाँव के निवासियों को नोटबंदी के फैसले से किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आई थी क्यों की कैश की अलावा ये लोग सभी डिजिटल उपकरणों से जैसे मोबाइल बैंकिंग, कार्ड पेमेंट और नेटबैंकिंग आदि से आसानी से लेन देन कर पा रहे थे।
इसी कारण ना तो यहां पर व्यापारियों को समस्या आयी ना ही ग्राहकों को। नोटबंदी का प्रभाव शहरों पर भी पड़ा था पर अकोदरा एक गाँव होने के बावजूद भी इस समस्या से मुक्त था।

गाँव में वाई फाई – Wifi in Village

पहले डिजिटल गाँव से सम्मानित अकोदरा गाँव में वाई फाई की सुविधा भी उपलब्ध है व साथ ही विशेष तौर पर वाई फाई टॉवर भी लगाया गया है।
इस सुविधा का लाभ ग्रामीणों द्वारा किया जाता है। गाँव को डिजिटल बनाने में गाँव वासियों का भी भरपूर योगदान है यहां पर पंचायत स्तर को- ऑपरेटिव सोसाइटी भी बनाई गयी है।
गाँव की वेबसाइट –
अकोदरा गाँव की अपनी एक वेबसाइट भी इंटरनेट पर मौजूद है जिस पर गाँव से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध है। इसमें गांव से जुड़ी तमाम कार्यों, सकलताओं, जनसंख्या, आर्थिक स्थिति आदि की जानकारी पल पल अपडेट के साथ वेबसाइट के जरिये सांझा की जाती है।

डिजिटल गाँव होने का श्रेय – Digital Village

अकोदरा गाँव पूर्व में आम गाँवों की सूची में ही गिना जाता था परन्तु जब 2015 में सरकार द्वारा चलाये गए एक अभियान के दौरान इसे आई सी आई सी आई बैंक ने गोद लिया था तब से इस गाँव की काया पलट गयी थी।
बैंक ने अकोदरा को डिजिटल बनाने के लिए अनेक कठिन प्रयास किये हैं। शुरुआत में आई सी आई सी आई ने ग्रामीणों को कैशलेस करने के लिए उनके बैंक में खाते खुलवाये और इसके उपरान्त ग्रामीणों को कैशलेस जीवन व्यापन करने के लिए आधुनिक यंत्रों का प्रयोग करना सिखाया।
बैंक ने एक साल के भीतर गाँव को इस स्तर पर लाकर खड़ा कर दिया था कि छोटे मोटे व्यापार से लेकर बड़े व्यापार तक हर कोई डिजिटल ट्रांजेक्शन करने में पूर्ण हो गया था फिलहाल अब मोबाइल बैंकिंग, नेट बैंकिंग के लिए गुजराती, अंग्रेजी, हिंदी भाषा का उपयोग में लाया जाता है।

एशिया का पहला ऐनिमल हॉस्टल का स्थान प्राप्त – India’s first Animal Hostel

पहले डिजिटल गाँव के साथ साथ इस गांव को एक अन्य उपलब्धि प्राप्त है। अकोदरा में एशिया का पहला ऐनिमल हॉस्टल है। इस हॉस्टल को अकोदरा में खोले जाने के पीछे एक मुख्य वजह यह थी कि गांव के 100 फीसदी लोग साक्षर हैं जो कि ऐनिमल हॉस्टल को चलाने के लिए अनिवार्य चुनौती थी।
बैंक में 100 से 1200 खाते खुले – 
इस डिजिटल गाँव में पहले केवल 100 खाते थे जिनका प्रयोग केवल गिने चुने लोग ही करते थे परन्तु आईसीआईसी बैंक ने जब लोगों को डिजिटल लेन देन के फायदे बताये व उन्हें ट्रेनिंग देकर बैंक के कार्यों से अवगत करवाया इसके उपरान्त बैंक में 1200 लोगों ने अपने खाते खुलवाये और इसका लाभ उठाया।
आज गाँव में हर वर्ग के लोग बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं, किशोर सभी पूर्ण रूप से डिजिटल हो गए हैं व गाँव को पहले डिजिटल गाँव की उपलब्धि प्राप्त है।
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