पामगढ़:- ग्राम हिर्री के महिला बिरस खन्ना के जज्बे और हौसले के आगे प्रकृति ने भी सिर झुका दिया। कश्मीर के ठंडे व 16 -18 डिग्री सेल्सियस ठंड है तापमान में उगने वाले सेव के पौधे को अपने घर की बाड़ी में उगा कर उन्होंने प्रकृति को नतमस्तक कर दिया प्रदेश के सबसे गर्म जिला जांजगीर चांपा में तापमान 47-48 तक चल जाता है।
ठंड के दिनों में तापमान गिरताभी है तो 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे गिर पाता ऐसे में ठंडे प्रदेश के जलवायु के अनुरूप उगने वाली सेब की कल्पना भी नहीं किया जा सकता 49 डिग्री सेल्सियस पर प्रयोग तौर में सेव के पौधे को लाकर जीवित रखने का बड़ा करने का राष्ट्रीय नवचारी संस्था अहमदाबाद (भारत सरकार का उपकरण) से मिली चुनौती असंभव नहीं तो कठिन जरूर थी।बीरस ने इस चुनौती को स्वीकारा 3 साल तक पौधे को संतान की तरह पाल पोस कर बड़ा किया आज व्यस्क हो चुका है पेड़ में हरे सेव लगा हुआ है। उसकी बाड़ी में दर्जन भर कई प्रकार के पेड़ लहलहा रहे हैं और कई पेड़ों में मीठे रस के फल आ रहे हैं ।राष्ट्रीय नवाचारी संस्था के मदद बाद भारत सरकार का उपक्रम के सौजन्य से 2015 में सेब का पौधा निशुल्क बांटा गया था और यह लक्ष्य रखा था कि यह इसे 49 डिग्री सेल्सियस वाले गर्म क्षेत्र में भी प्रयोग के तौर पर लगाया जाए। जांजगीर-चांपा जिले के पामगढ़ तहसील के ग्राम हिर्री की महिला बिरस खन्ना के बेटे ने इस पौधे को लाकर अपनी माँ को दिया उसके बाद पौधे को लगाकर पहले वर्ष में पौधा लगभग 5 फीट ऊंचाई तक बढ़ा, दूसरे वर्ष में फूल आया और पिछले 4 वर्षो से फूलों के साथ करीबन 1 दर्जन से भी ज्यादा फल आया है पेड़ की ऊंचाई 12 से 13 फीट है और यह पूरी तरह हरा-भरा स्वस्थ है।
जैविक खेती से जुड़े प्रयोगों में है महारत
बिरस खन्ना एक महिलास्व सहायता समूह से भी जुड़ी हुई है जिसमें उनके द्वारा ग्राम के अन्य महिलाओं को घर की बाड़ी में घरेलू उपयोग हेतु साग सब्जी फल फूल हो जैविक तरीके से उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। साथ ही वह पिछले 5 वर्षों से एमबी खन्ना फाउंडेशन नामक एनजीओ का संचालन भी कर रहे हैं जिसका मुख्य उद्देश जैविक कृषि को प्रोत्साहन करना उसे बढ़ावा देना है वर्तमान में अपने घर की बाड़ी में सेव, जामुन, अमरूद, चीकू, कटहल, हल्दी अदरक, प्याज, एलोवेरा, सीताफल, अनार, पपीता, निंबू, अंगूर, आंवला, मूनगा इत्यादि गुणकारी फल फूल सब्जी लगे हैं जिसमें पूरी तरह से जैविक खाद कीट नियंत्रक का प्रयोग किया जाता है।इन तमाम चीजों का निर्माण कृषक द्वारा स्वयं ही अपने घर में तैयार किया जाता है।
हौसले ने संवारा परिवार को
पति की मृत्यु के बाद स्वयं को से सलबा साबित करते हुए. बिरस ने अपने हौसले से परिवार को सवरा उनके बड़े बेटे बलवंत सिंह खन्ना रायपुर में रहकर सामाजिक कार्यो में सक्रिय एवं छत्तीसगढ़ सरकार के एक मंत्री के नीजि मीडिया प्रभारी के रूप में कार्यरत हैं। छोटे बेटे संबोध खरे इंडियन आर्मी में पदस्थ हैं चार संतानों सहित अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए उन्होंने नवाचारी कृषि के क्षेत्र को चुना और इस दिशा में कार्य कर आर्थिक संबल प्राप्त किया।
Tags:
Peoples